Wednesday, February 29, 2012

"विल यू एक्सक्यूज़ मी प्लीज़"

दिन सूखते जाते हैं और मैं टूटता जाता हूँ. जितनी मजबूती से आपने ज़िन्दगी को बाँध रखा था ( या भ्रम पाल रखा था ), ज़िन्दगी आपसे उतनी ही दूर होती जाती है (कुटिल मुस्कान छोड़ती हुई). जितने लोगों से मिलने की कोशिश करते हैं, उतने ही अकेले होते जाते हैं. खुशियों के पौधे को एक चिड़िया काटती जाती है. उसे बचाने की कोशिश करते हैं, तो अर्थहीन में (कम से कम ऐसा आपका मानना है) अर्थ खोजता हुआ पाते हैं और ऐसा मानकर सब कुछ त्याग देते हैं.

दिस वर्ल्ड इज अ क्रुअल प्लेस. यह आपको उसी दलदल में खींचता है, जिसमें यह खुद फँसा है (मार्क्सवादियो क्षमा करना). दुनिया को आपके उदास चेहरे से उतनी ही कोफ़्त होती है, जितनी सत्ताधारियों को विद्रोहियों से. एंड यू स्टार्ट टू बिलीव, इट कैन नॉट अफर्ड अ पर्सन लाइक यू (इस्पेशली इन दिस इरा).

'सपनों का मर जाना खतरनाक होता है', पर उससे भी ज्यादा खतरनाक होता है उन्हें मरते हुए देखना. हर चीज़ से आपका भरोसा उठ चुका होता है और आगे आने वाले १० मिनट का हवाला देने में भी खुद को असमर्थ पाते हैं.

एवरीथिंग इज नॉट फाइन, सेन्योरीटा. यदि अभी भी मुश्किल हो रही है समझने में, तो मैं सीधे-सीधे अपना दर्द बयाँ कर देता हूँ कि 'ज़िन्दगी बड़ी लम्बी है और कटती नहीं है' (बहुत दिनों पहले मुझे ये बड़ी छोटी लगी थी. वेल, बोथ सिचुएसंस मेड मी सेड). इस आग के दरिया में डूबना ही डूबना है, निकलना नहीं है (कूदना तो छोड़ ही दो).

और इतनी बड़ी ज़िन्दगी को जीने के लिए गैरों के अहसान लेने ही पड़ते हैं .... 'ब्लैक' तुम्हारे बड़े अहसान हैं, जिनके तले मैं दबा जाता हूँ.

होप यू विल एक्सक्यूज़ मी. आय एम नॉट गुड एट कीपिंग प्रोमिसेस, यू नो दैट.