Monday, April 12, 2010

त्रिवेणीनुमा कुछ

कैमरे छिपे हुए हैं हर शहर हर गली,
और जंगलों में आजकल रहते हैं नक्सली |

बसंती परेशान है, मिले तो कहाँ मिले ||

6 comments:

सागर said...

padhi gayi :)

Amitraghat said...

खुलेआम मिले.........."

संजय भास्‍कर said...

BEAUTIFULL

Satya Vyas said...

नक्सली कैमरे से कम खतरनाक साबित होंगे

अपूर्व said...

भई मिलने-मिलाने के लिये अब टीवी के रियलिटी शो से बेहतर क्या जगह हो सकती है..पैसे भी पब्लिसिटी भी

स्वप्निल तिवारी said...

hahaha...halke fulke tareeke se sanzida baat bhi kahi ...